EPS क्या होता है?
EPS का मतलब है Earnings Per Share
या प्रति शेयर आय। इसका उपयोग निवेशकों द्वारा यह समझने के लिए किया जाता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों (Shareholders) के लिए प्रति रुपया कितना लाभ कमा रही है।
EPS Formula and Example
EPS की गणना कंपनी के शुद्ध लाभ को उसके कुल बकाया शेयरों से विभाजित करके की जाती है।
EPS = (कंपनी का शुद्ध आय (Net Income) - लाभांश (Dividend)) / बकाया आम शेयरों की संख्या (Outstanding shares)
फॉर्मूला में उपयोग की गई सभी terms को अच्छे से समझ लेते हैं:
शुद्ध आय (Net Income): यह कंपनी की एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) के लिए करों के बाद का लाभ होता है।
लाभांश (Dividend): ये वे भुगतान होते हैं जो कंपनी को उन शेयरधारकों को करने होते हैं जिनके पास कंपनी के पसंदीदा शेयर होते हैं।
बकाया आम शेयरों की संख्या (Common Outstanding Shares): ये वे शेयर हैं जो वर्तमान में जारी किए गए हैं और शेयरधारकों के पास हैं।
EPS उदाहरण:
मान लीजिए एक कंपनी, ABC, का शुद्ध आय ₹10 लाख है और उसे ₹2 लाख का पसंदीदा शेयर लाभांश भी देना है। कंपनी के पास वर्तमान में ₹4 लाख के बकाया आम शेयर हैं।
इस कंपनी का EPS इस प्रकार होगा:
EPS = (₹10,00,000 - ₹2,00,000) / ₹4,00,000 =
₹8,00,000 / ₹4,00,000 = ₹2 प्रति शेयर
उदाहरण में, ABC कंपनी का EPS ₹2 प्रति शेयर है। इसका मतलब है कि कंपनी ने अपने आम शेयरों के प्रत्येक शेयर पर ₹2 का लाभ कमाया है।
EPS का महत्व (Benefits of EPS):
EPS एक महत्वपूर्ण वित्तीय माप (Financial Measure) है क्योंकि यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि:
- कंपनी कितनी लाभदायक है: High EPS वाली कंपनी आमतौर पर Less EPS वाली कंपनी की तुलना में अधिक लाभदायक होती है।
- कंपनी का प्रदर्शन समय के साथ कैसे बदल रहा है: EPS को ट्रैक करके, निवेशक यह देख सकते हैं कि कंपनी का प्रदर्शन समय के साथ सुधार कर रहा है या बिगड़ रहा है।
- विभिन्न कंपनियों की तुलना करें: EPS का उपयोग विभिन्न कंपनियों की लाभप्रदता की तुलना करने के लिए किया जा सकता है, खासकर अगर वे एक ही उद्योग में हैं।
EPS के दो मुख्य प्रकार होते हैं (Types of EPS):
1. Basic EPS: यह सबसे Basic प्रकार का EPS है। इसकी गणना केवल आम शेयरों को ध्यान में रखकर की जाती है। यह EPS कंपनी के कुल लाभ को उसके सामान्य शेयरों की कुल संख्या से विभाजित करके निकाला जाता है।
2. Diluted EPS: यह EPS का एक अधिक जटिल रूप है जो संभावित शेयरों, जैसे कि स्टॉक विकल्प और परिवर्तनीय बांड को ध्यान में रखता है। यह बेसिक EPS से कम होता है क्योंकि यह उन अतिरिक्त शेयरों को ध्यान में रखता है जो भविष्य में जारी किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, ईपीएस के और भी प्रकार हो सकते हैं जो एक कंपनी का विश्लेषण करने में मदद करते हैं। जैसे कि:
- समायोजित EPS (Adjusted EPS): यह EPS का एक और रूप है जो असामान्य या गैर-आवर्ती मदों (जैसे संपत्ति बिक्री) को हटाकर कंपनी के लाभ का समायोजन किया जाता है।
- Cash EPS: यह नकद प्रवाह को दर्शाता है, जो कंपनी की नकदी आय को प्रति शेयर आधार पर मापता है। इसकी गणना कंपनी के शुद्ध नकदी प्रवाह को उसके बकाया शेयरों की संख्या से विभाजित करके की जाती है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कंपनी कितनी अच्छी तरह से नकदी उत्पन्न कर रही है और अपने ऋणों का भुगतान कर सकती है।
- हिस्टोरिकल ईपीएस (Historical EPS): यह पिछले वर्षों के EPS का औसत होता है, जो कंपनी के प्रदर्शन का लंबी अवधि का दृष्टिकोण देता है।
- बही मूल्य ईपीएस (Book Value EPS): यह EPS का एक कम इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है। यह दर्शाता है कि कंपनी की परिसंपत्तियों का शुद्ध मूल्य उसके प्रत्येक शेयर के लिए कितना है।
EPS निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है क्योंकि यह उन्हें विभिन्न कंपनियों की लाभप्रदता की तुलना करने में मदद करता है। यह उन्हें यह तय करने में भी मदद कर सकता है कि कोई कंपनी खरीदने या बेचने लायक है या नहीं।
EPS की कुछ सीमाएं भी हैं:
EPS निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय मीट्रिक है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं:
- Manipulation की संभावना, कंपनियां अपने लाभ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए शेयरों की पुनर्खरीद (share buyback) जैसी तरकीबें अपना सकती हैं। इससे भले ही थोड़े समय के लिए EPS बढ़ जाए, लेकिन यह कंपनी की दीर्घकालिक लाभप्रदता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।
- EPS कंपनी के कुल बकाये को ध्यान में नहीं रखता है। इसलिए, यह कंपनी की वित्तीय स्थिति का केवल एक आंशिक चित्र देता है।
- EPS में कंपनी के नकदी प्रवाह को भी शामिल नहीं किया जाता है, जो ऋण चुकाने की क्षमता का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए, कंपनी की सॉल्वेंसी (solvency) के मूल्यांकन के लिए EPS अप्रभावी साबित हो सकता है।
Frequently Asked Questions
EPS क्या है?
EPS का मतलब है "Earnings Per
Share" या प्रति शेयर आय। यह एक वित्तीय मीट्रिक है जो दर्शाता है कि एक कंपनी ने अपनी प्रत्येक शेयर के लिए कितना लाभ कमाया है।
EPS की गणना कैसे करें?
EPS की गणना कंपनी की शुद्ध आय को उसके बकाया आम शेयरों की संख्या से विभाजित करके की जाती है।
EPS के प्रकार क्या हैं?
EPS के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मूल EPS (Basic EPS)
- पतला हुआ EPS (Diluted EPS)
- समायोजित EPS (Adjusted EPS)
- रोकड़ा EPS (Cash EPS)
- बही मूल्य EPS (Book Value EPS)
EPS का उपयोग कैसे किया जाता है?
EPS का उपयोग विभिन्न कंपनियों की लाभप्रदता की तुलना करने के लिए किया जा सकता है। यह निवेशकों को यह समझने में भी मदद कर सकता है कि कंपनी समय के साथ कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
क्या छोटे निवेशकों के लिए भी EPS महत्वपूर्ण है?
हां, EPS छोटे निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह उन्हें यह समझने में मदद करता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों के लिए कितना मूल्य पैदा कर रही है।
क्या EPS जितना अधिक हो, कंपनी उतनी ही बेहतर होती है?
किसी कंपनी का ईपीएस ज्यादा होने का मतलब हर बार यह नहीं होता कि कंपनी बेहतर है। कई बार EPS को Manipulate भी किया जाता है। इसलिए हमें अन्य वित्तीय मापदंडों के साथ इसकी जांच करनी चाहिए, जैसे कि ऋण का स्तर और कंपनी की वृद्धि दर को भी ध्यान में रखना चाहिए।